अल्लाह का अमेरिका प़र कहर


अमेरिका सदी के सबसे भीषण सूखे की चपेट में हैं। सूखे का असर फसलों पर पड़ा है। कई जगहों पर दावानल के प्रकोप से जंगल तबाह हो गए हैं। अमेरिकी मौसम विज्ञान नेशनल ओसियानिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के अनुसार वर्ष 1956 के बाद से यह सबसे बड़ा सूखा है।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार एनओएए ने सोमवार को कहा कि जून के अंत तक अमेरिकी महाद्वीप का 55 फीसदी हिस्सा औसत से गंभीर सूखे की चपेट में था। इस सूखे की वजह से मक्के और सोयाबीन की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। कई राज्यों में स्थित जंगलों में आग लगी हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार पिछले दिनों खबर थी कि नौ राज्यों में 19 स्थानों पर भीषण आग लगी हुई है। अमेरिका गेहूं, सोयाबीन और मक्के का सबसे बड़ा निर्यातक देश है, इसलिए इस सूखे से दुनिया भर में अनाज उपलब्धता पर असर पड़ सकता है। इस संबंध में पहले ही चिंता जाहिर की जा चुकी है।

पूरे देश में जून में पड़ी भीषण गर्मी ने सूखे के प्रभाव को और बढ़ा दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका का 80 फीसदी हिस्सा असामान्य रूप से सूखा है। एनओएए ने कहा है कि रिकॉर्ड के अनुसार पिछला जून 14वां सबसे गर्म और 10वां सबसे सूखा जून रहा।

कहीं हो न जाए खाद्यान्न संकट
मध्य-पश्चिम अमेरिका के इलिनोइस राज्य के किसान कहते हैं कि उन्होंने इससे पहले इतनी सूखी धरती कभी नहीं देखी। एक किसान ने बताया, ‘काफी फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी है। अब अगर बारिश हो भी जाए तो मुझे नहीं लगता कि फसल बचाई जा सकती है क्योंकि अब बहुत देर हो चुकी है।’

एक और किसान ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि वर्ष 1988 के बाद से ये अब तक का सबसे भीषण सूखा है। बल्कि मुझे लगता है कि ये 1988 से भी बुरा समय है क्योंकि उस साल कम से कम शुरू में इतनी बुरी स्थिति नहीं थी।’
तापमान बढ़ने के साथ ही फसलों के दाम भी बढ़ रहे हैं। पिछले एक महीने में मक्के के दाम 45 फीसदी, गेंहू के 36 फीसदी और सोयाबीन के दाम 17 फीसदी बढ़ गए हैं।

पांच साल पहले कहा गया था कि खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों की वजह से दुनिया में साढ़े सात करोड़ भूखे लोग बढ़े थे और 30 से ज्यादा देशों में दंगे हुए थे। खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को ही दो साल पहले अरब क्रांति का एक कारण बताया गया था। हालांकि कुछ विश्लेषक कहते हैं कि खाद्य संकट होने की संभावना नहीं है।

कई जगह आपदा घोषित
अमेरिका के कृषि विभाग के अनुसार 26 राज्यों की 1000 काउंटी यानी स्थानीय निकायों ने सूखे की वजह से आपदा घोषित कर दी है।

अनाज का बड़ा निर्यातक
अमेरिका गेहूं , सोयाबीन और मक्के का सबसे बड़ा निर्यातक देश है, इस लिए दुनिया भर में इन अनाजों की उपलब्धता पर असर पड़ सकता है।

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