कोर्ट ने बेटे को बनाया बीमार बाप का गार्जियन
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दिल्ली की एक कोर्ट ने बेटे को मानसिक रूप से बीमार पिता की प्रॉपर्टी की देखभाल के लिए उसका गार्जियन नियुक्त किया है।
जिला न्यायाधीश ए. के. चावला ने उत्तरी दिल्ली निवासी विनीत अग्रवाल को 64 वर्षीय पिता अशोक अग्रवाल का गार्जियन नियुक्त किया है। अशोक अग्रवाल ब्रेनस्ट्रोक और उनके शरीर का दाहिने हिस्सा पैरालाइज़ हो चुका है। वह बोलने में भी असमर्थ हैं।
कोर्ट ने कहा कि विनीत अग्रवाल इकलौते बेटे हैं। पिता का गार्जियन नियुक्त करने के मामले में अशोक अग्रवाल की पत्नी और बेटी ने एनओसी लेटर दिया है। विनीत अग्रवाल ने कोर्ट से उन्हें अपने पिता का गार्जियन नियुक्त करने और पिता की प्रॉपर्टी की देखभाल की अनुमति चाही थी। विनीत अग्रवाल का कहना था कि उनके पिता की हालत निरंतर बिगड़ रही है और वह पिछले दो साल से बोल भी नहीं पा रहे हैं।
कोर्ट ने विनीत अग्रवाल को पिता के गार्जियन की भूमिका सौंपते वक्त अशोक अग्रवाल के स्वास्थ्य के बारे में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का भी अवलोकन किया। बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि अशोक अग्रवाल को इलाज के लिए इंस्टिट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइसेंज भेजा जा सकता है।
कोर्ट ने विनीत अग्रवाल की याचिका में पेश तथ्यों के आलोक में उसे मानसिक रूप से बीमार पिता का अभिभावक और उसकी संपत्ति का प्रबंधक नियुक्त करने का आदेश दिया। अदालत ने अपने आदेश में इस तथ्य को भी इंगित किया कि अशोक अग्रवाल को जब व्यक्तिगत रूप से उसके सामने पेश किया गया तो बातचीत करने की स्थिति में नहीं थे।
जिला न्यायाधीश ए. के. चावला ने उत्तरी दिल्ली निवासी विनीत अग्रवाल को 64 वर्षीय पिता अशोक अग्रवाल का गार्जियन नियुक्त किया है। अशोक अग्रवाल ब्रेनस्ट्रोक और उनके शरीर का दाहिने हिस्सा पैरालाइज़ हो चुका है। वह बोलने में भी असमर्थ हैं।
कोर्ट ने कहा कि विनीत अग्रवाल इकलौते बेटे हैं। पिता का गार्जियन नियुक्त करने के मामले में अशोक अग्रवाल की पत्नी और बेटी ने एनओसी लेटर दिया है। विनीत अग्रवाल ने कोर्ट से उन्हें अपने पिता का गार्जियन नियुक्त करने और पिता की प्रॉपर्टी की देखभाल की अनुमति चाही थी। विनीत अग्रवाल का कहना था कि उनके पिता की हालत निरंतर बिगड़ रही है और वह पिछले दो साल से बोल भी नहीं पा रहे हैं।
कोर्ट ने विनीत अग्रवाल को पिता के गार्जियन की भूमिका सौंपते वक्त अशोक अग्रवाल के स्वास्थ्य के बारे में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का भी अवलोकन किया। बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि अशोक अग्रवाल को इलाज के लिए इंस्टिट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइसेंज भेजा जा सकता है।
कोर्ट ने विनीत अग्रवाल की याचिका में पेश तथ्यों के आलोक में उसे मानसिक रूप से बीमार पिता का अभिभावक और उसकी संपत्ति का प्रबंधक नियुक्त करने का आदेश दिया। अदालत ने अपने आदेश में इस तथ्य को भी इंगित किया कि अशोक अग्रवाल को जब व्यक्तिगत रूप से उसके सामने पेश किया गया तो बातचीत करने की स्थिति में नहीं थे।