बजट अखबारों की सुर्खियां बने न बने लेकिन दशक बाद भारत होगा सुर्खियों में: प्रणव

रिजवान मुस्तफा 
नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अपने बजट भाषण में कहा कि आज की घोषणाएं कल अखबारों की सुर्खियां बने न बने लेकिन एक दशक बाद के भारत को सुर्खियों में लाने में जरूर मददगार होंगी ।
मुखर्जी ने लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘भारत एक बडे पुनरूत्थान की दहलीज पर खडा है । आज की गयी घोषणाएं कल सुबह के अखबारों की सुर्खियां बनती हैं अथवा नहीं, यह कोई अहम बात नहीं है बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि वे एक दशक के बाद के भारत को सुर्खियों में लाने में सहायक
होंगी ।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह वर्ष चुनौतियों से भरा रहा है ।
कई वैश्विक और घरेलू कारकों ने उस विकास पर हमला बोला जो पिछले दो साल में किया गया था । लेकिन भारत ने चुनौतियों के चलते प्रगति की है और भारत अब भी ऐसा ही करेगा ।
मुखर्जी ने कहा कि हर संकट के बीच एक अवसर भी होता है । यह फिर से सोचने, आकलन करने और नये विचारों एवे नीतियों के लिए रास्ता बनाने का अवसर है । ‘‘मैंने इसी भावना से इस साल का बजट पेश किया है । इसका लक्ष्य यह है कि कारपोरेट, किसानों, उद्यमियों और कामगारों के लिए एक समर्थनकारी माहौल बने ताकि जोरदार विकास के लिए पहल की जा सके । इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना भी है कि विकास के लाभ जनसंख्या के सभी वर्गों तक पहुंचे ।’’
प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में साल 2012-13 का आम बजट पेश किया। टैक्स मामले में लोगों को राहत मिली तो सर्विस टैक्स बढ़ाकर सरकार ने राहत कम भी कर दिया। पढ़िए बजट की मुख्य बातें...
-अर्थव्यवस्था के लिए ये साल काफी मुश्किल भरा था।
पढ़ें: आम बजट 2012-13 की मुख्य बातें
-मिडिल-ईस्ट में राजनीतिक अस्थिरता के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा।
-साल 2011 -11 में आर्थिक वृद्धि दर 6.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
-कृषि और सेवा क्षेत्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन हुआ है।
-प्रइवेट इनवेस्टमेंट, एनर्जी, ट्रासंपोर्ट आदि में हमें काफी काम करना पड़ेगा।
-कुपोषण की समस्या को खत्म करना हमारी प्राथमिकता होगी।
-कामकाज में पारदर्शिता और कालेधन को वापस लाना हमारी प्राथमिकता रहेगी।
-अगर भारत अपने आर्थिक खर्चे उठाने में कामयाब होता है तो ये पूरी दनिया के लिए अच्छा संकेत होगा।
-जीडीपी में गिरावट की वजह कर्ज का बोझ और कमजोर घरेलू कारोबारी माहौल रहा है।
-अगले कुछ महीनों में मंहगाई काबू में रहेगी।
-कच्चे तेल की कीमतों की बजह से काफी दिक्कतें हुई।
-इसकी वजह से हमारे वित्तीय संतुलन पर असर पड़ा।
-एफआरबीएम एक्ट में संशोधन किया जाएगा।
-इससे हमारे वित्तीय घाटे को काबू करने में मदद मिलेगी।
-मीडियम टर्म खर्च के लिए हम तीन साल का लक्ष्य रख रहे हैं। जिससे पैसे का बेहतर इस्तेमाल होगा।
-केंद्रीय योजना में मॉनिटरिंग सिस्टम को मजबूत करेंगे। जिससे खर्च और आमदनी का संतुलन बेहतर होगा।
-फूड और अन्य मामलों पर सब्सिडी को ध्यान में रखा गया है।
-सब्सिडी पर कुल खर्च कुल जीडीपी के दो फीसदी से नीचे रखने का लक्ष्य है। उसे पूरा करने की कोशिश होगी।
-खाद क्षेत्र में मोबाईल आधारित खाद सिस्टम पूरे देश में लागू कर दी गजाएगी।
-दूसरे स्तरों पर भी हम सब्सिडी सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रहे हैं।
-अगले 6 महीने में 50 जिलों में केरोसीन और गैस की सब्सिडी की सीधे भुगतान की व्यवस्था कर दी जाएगी।
-डायरेक्ट टैक्स कोड के लिए जल्द ही कदम उठाएंगे।
-जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) के लिए नेटवर्क बनाने की सिफारिश।
-सरकारी क्षेत्र के उद्यमों के विनिवेश के जरिए 30 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य है।
-मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई 51 फीसदी तक करने के लिए व्यापक सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
-क्रॉस बार्डर प्रोडक्शन चेन के लिए एडवांस प्राइसिंग के लिए कदम उठा रहे हैं।
-वित्त क्षेत्र में सुधारों के लिए बाजार आधारित व्यवस्था।
-बचत को बढ़ावा देने के लिए नई राजीव गांधी सेविंग स्कीम। इसमें 50 हजार तक का निवेश करने पर दस लाख तक की आमदनी वाले निवेशकों को फायदा। इस पर 50 फीसदी टैक्स छूट मिलेगी।
-छोटे शहरो में छोटे निवेशकों के लिए 10 करोड़ या इससे अधिक के आईपीओ में हिस्सा लेने की शुरूआत करेंगे।
-पेंशन, बैंकिंग, इंश्योरेंस, हाउसिंग बैंक, कृषि बैंक और अन्य जरूरी बिल संसद के इसी सत्र में पेश होंगे।
-सरकारी बैंकों को 15,888 करोड़ रुपए की मदद। इनमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भी शामिल हैं।
-स्वाभिमान कैंपेन के तहत 2000 या उससे ज्यादा आबादी वाले इलाको में 31 मार्च तक बैंकिंग व्यवस्था बना दी जाएंगी।
-पर्वतीय राज्यों में 1000 या ज्यादा आबादी वाले इलाकों में बैंक खुलेंगे।
-इफ्रास्ट्रकचर के क्षेत्र में काफी दबाव है और इसमें पब्लिक निवेश चिंता का विषय है, लेकिन इस क्षेत्र मे सरकारी और प्राइवेट निवेश को बढ़ाया जाएगा।
-इस साल इंफ्रास्ट्रकचर के बढ़ावा देने के लिए कई और क्षेत्रों को इस मद में शामिल किया गया है।
-ढाचागत क्षेत्र में निवेश को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है।
-सभी बड़े सरकारी उपक्रमों को पर्याप्त पैसा दिया गया है और कुल 60 हजार करोड़ की वित्तीय सहायता इफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को दी जा रही है।
-मैंन्युफैक्चरिंग जोन में निवेश को बढ़ाया जा रहा है।
-बिजली प्रोजेक्ट के लिए कोयला खानों के रिलोकेशन की व्यवस्था की जा रही है।
-रोड कंस्ट्रक्शन प्रोजक्ट के लिए खर्च 14 फीसदी बढ़ाया गया।
-एटीएफ की कीमत पर काबू के लिए इंडियन कैरियर को एटीएल आयात की इजाजत
-25 लाख तक के मकान पर 15 लाख तक के कर्ज पर एक फीसदी ब्याज की छूट।
-कम कीमत के माकनों की स्कीम के लिए विदेशी कर्ज की इजाजत।
-अगले पांच सालो में हम यूरिया के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएंगे।
-कपड़ा क्षेत्र में झारखंड, मिजोरम नागालैंड के लिए बुनकर सेवा केंद्र बनाए जाएंगे।
-महाराष्ट्र में बुनकरों के लिए 70 करोड़ की लागत से केंद्र बनाया जाएगा।
-5000 करोड़ का इंडिया इक्विटी फंड बनाया जाएगा जिससे छोटे और मझोले उद्योगों को मदद होगी।
-कृषि क्षेत्र में अगले साल के लिए कुल खर्च 18 फीसदी बढ़ाकर 20208 करोड़ किया गया।
-ग्रीन रिवोल्युशन के जरिए ईस्टर्न इंडिया के उपज में जबरदस्त वृद्धि हुई—इसलिए अब क्षेत्र की स्कीम के लिए हम पैसा बढ़ा रहे हैं, इसे बढ़ाकर एक हजार करोड़ कर दिया जाएगा
-सिंचाई विकास के लिए 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था
-नेशनल मिशन फार एग्रीकल्चर एक्सटेंशन के जरिए किसानों को टेक्नॉलाजी अपग्रेडेशन की व्यवस्था
-सरकार फूड सिक्योरिटी एक्ट के लिए पूरा पैसा देगी
-किसानों को सस्ते कर्ज के लिए 5 लाख 75 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था
- फसल की सही कीमत दिलाने और भंडारण की व्यवस्था
-समय पर कर्ज चुकाने वालों किसानों को 3 फीसदी ब्याज छूट जारी रहेगी
-किसान क्रेडिट कार्ड का काफी अच्छा नतीजा रहा है। इसे जारी रखा जाएगा
-इस योजना को और मजबूत करने के लिए संशोधन किया जाएगा
-कृषि क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ की व्यवस्था
-न्यू सेटर स्पांसर स्कीम के जरिए फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा
-अनाज भंडारण के लिए नई योजना
-प्राइवेट सेक्टर की मदद लेकर भंडारण की व्यवस्था मजबूत की जाएगी
-2012-13 में एससी-एसटी के लिए तय फंड में बढ़ावा
-नेशनल फूड सिक्योरिटी बिल संसदीय समिति के पास है और इसके जरिए हर जरूरत मंद की मदद की जाएगी
-माताओं और बच्चों के कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए नई स्कीम
-माताओं और बच्चों के लिए फंड में 58 फीसदी का इजाफा
-मिडडे मील के लिए 11937 करोड़ रुपए का प्रावधान
-ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी की व्यवस्था के लिए धन में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी
-बिहार, बंगाल और उड़ीसा, और बुंदेलखंड के लिए विकास के लिए अलग से योजना
-इन इलाकों के विकास के लिए 20 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था
-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 4 हजार करोड़ का इजाफा, 20 फीसदी का इजाफा
-सर्व शिक्षा अभियान में 21.7 फीसदी का इजाफा
-ग्रामीण बुनियादी ठांचे के लिए 20 फीसदी ज्यादा पैसा
-छात्रों को शिक्षा के लिए कर्ज देने के लिए अलग से फंड
-एनआरएचएम में ज्याजा पैसा
-विलेज हेल्थ और सेनिटेशन कमेटी के जरिए कुपोषण के मामलों पर नजर
-एनआरएचएम में 20822 करोड़ रुपए की व्यवस्था
-एनआरएचएम अब शहरों में भी होगा
-महिला किसान सशक्तिकरण योजना में 34 फीसदी का इजाफा
-वीमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप फंड में ज्यादा पैसा
-इस ग्रुप के लिए तीन लाख तक के कर्ज पर सिर्फ 7 फीसदी ब्याज और समय पर कर्ज चुकाने पर 3 फीसदी ब्याज की छूट
-नेशनल स्किल डेवलेपमेंट फंड की स्थापना 1000 करोड़ से और अलग से क्रेडिट गारंटी फंड की व्यवस्था
-विधवा पेंशन 200 से 300
-बीपीएल परिवार के मुखिया की मौत पर मदद राशि अब 20 हजार की होगी
-हर राज्य में कऋषि विश्वविद्यालयों और डिग्री कालेजों को अलग से मदद
-रक्षा सेवाओं के लिए करीब दो लाख करोड़ रुपए का प्रावधान
-सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस की हाउसिंग के लिए अलग से पैसा
-नेशनल पापुलेशन रजिस्टर पर काम जारी और अगले दो साल में ये पूरा हो जाएगा
-आधार सिस्टम में रजिस्ट्रेशन अब 20 करोड़ के पार और उसे और इलाकों में ले जाया जाएगा
-डबल टेक्सेशन एग्रीमेंट किए गए हैं कई देशों के साथ कालाधन वापस लाने के लिए
-हम कई देशों के साथ जानकारियों का आदान प्रदान कर रहे हैं
-कालेधन पर सरकार व्हाइट पेपर लाएगी
-बजट एस्टीमेट- कुल खर्च 14 19 925 लाख करोड़ – अनुमान से 15 फीसदी ज्यादा टैक्स वसूली हुई
-इनकम टैक्स की वसूली में कमी आई फिर भी हमने 11वीं योजना में हमने 99 फीसदी का लक्ष्य हासिल किया
-कुल राजस्व घाटा जीडीपी का 1.8 फीसदी रहने का अनुमान
-टैक्स --- छूट सीमा --- 2 लाख तक कोई टैक्स नहीं
-2 से 5 लाख तक 10 फीसदी
-5 से 10 लाख तक 20 फीसदी
-10 लाख से ऊपर 30 फीसदी
-10 हजार तक के बैंक ब्याज पर 10 फीसदी कटौती का प्रस्ताव
-कॉर्पोरेट टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं
-एसटीटी में 20 फीसदी की कटौती – अब सिर्फ 0.1 फीसदी टैक्स लगेगा और ये सिर्फ डिलीवरी के सौदों पर लागू होगा
-निगेटिव लिस्ट में शामिल सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं पर सर्विस टैक्स लगेगा
-निगेटिव लिस्ट में कुल 17 सेवाएं शामिल हैं
-सर्विस टैक्स की दर 10 से बढ़ाकर 12 फीसदी की गई
-जीवनरक्षक दवाएं सस्ती
-प्रोबायोटिक्स पर बुनियादी एक्साइज आधी हुई – 10 से घटकर 5 फीसदी
-ऊर्जा बचाने वाले सीएफल बल्ब सस्ते
-एलईडी लैम्प सस्ते
-सोना और प्लैटिनम मंहगा
-विदेशी साइकिल और ब्रांडेड कपड़े महंगे
-देसी साइकिलें कुछ सस्ती होंगी
-पान-मसाला, गुटका और चबाने वाली तंबाकू मंहगी
-बड़ी कारें, एसयूवी, एमयूवी सब मंहगी
-पैकेज्ड सीमेंट पर एक्साइज ड्यूटी में 30 फीसदी कटौती, लेकिन रिटेल कीमत पर ड्यूटी लगेगी

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