ईमानदार इंजिनियर मनोज गुप्ता की हत्या मामले में बीएसपी विधायक शेखर तिवारी और 10 अन्य को उम्र कैद

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इंजिनियर मनोज गुप्ता |
तहलका टुडे टीम
लखनऊ,बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के विधायक शेखर तिवारी और 9 अन्य लोगों को स्थानीय अदालत ने लोक निर्माण विभाग ( PWD) के इंजिनियर मनोज गुप्ता की हत्या के जुर्म में शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
विशेष न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार की अदालत ने सभी अभियुक्तों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। हत्या के साक्ष्य मिटाने के मामले में अदालत ने थोड़ी राहत देते हुए विधायक की पत्नी विभा तिवारी को ढाई साल कैद की सजा दी।
बीएसपी विधायक के अलावा विनय तिवारी, रामबाबू, योगेन्द्र दोहरे, मनोज अवस्थी, देवेन्द्र राजपूत, संतोष तिवारी, गजराज सिंह, पाल सिंह और डिबियापुर थाने के पूर्व प्रभारी होशियार सिंह को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
गौरतलब है कि 23 दिसंबर 2008 को ओरैया के ईमानदार इंजिनियर मनोज गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में बीएसपी विधायक शेखर तिवारी पर आरोप था कि उन्होंने बुरी तरह पीटने के बाद मनोज गुप्ता को करंट लगाकर मार डाला। हत्या के पीछे जो वजह बताई गई थी वह थी कि अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाने वाले मनोज गुप्ता तिवारी के गुर्गों को खुश नहीं कर रहे थे।
इस मामले में बीएसपी विधायक शेखर तिवारी और उनकी पत्नी समेत 11 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे। शेखर तिवारी और उसके साथियों पर आरोप था कि उन्होंने इंजिनियर मनोज गुप्ता को लाठी डंडों और करंट लगाकर बेहरहमी से मार डाला था।
आरोपों के मुताबिक तिवारी और उनके गुर्गों ने धन उगाही को लेकर मनोज गुप्ता के साथ इतनी बुरी तरह मारपीट की थी कि उनकी मौत हो गई। मौत से पहले इंजिनियर गुप्ता को करंट भी लगाया गया था। यह मामला मीडिया में आने के बाद यूपी सरकार की जमकर किरकिरी हुई और विपक्ष ने धन उगाही के इस मामले को मायावती के बर्थडे से जोड़ दिया था। चौतरफा घिरी सरकार ने आनन-फानन में विधायक शेखर तिवारी और उसके गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया। मामला औरेया अदालत में गया। मामले की सुनवाई पहले औरैया कोर्ट में शुरू हुई बाद में उसे लखनऊ की स्पेशल कोर्ट भेज दिया गया। दो साल तक चली सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने तिवारी के खिलाफ पुख्ता सबूत होने की दलील दी।