और गुलाम ने अपने नवजात शिशु का नाम रखा अन्ना

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भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू मुहिम का अनोखे अन्दाज मे समर्थन
तहलका टुडे टीम
बाराबंकी। लोक पाल विधेयक के मुद्दे पर देश में तहलका मचा देने वाले अन्ना हजारे को अनोखे अन्दाज में अपना समर्थन देते हुए शिक्षक गुलाम हसनैन ने अपने नवजात शिशु का नाम अन्ना रख डाला। सिद्घौर क्षेत्र में इस अनोखे समर्थन का आम लोगो ने दिल से स्वागत किया है।
समाज सेवी अन्ना हजारे की लोक प्रियता इतनी बढ़ चली है कि लोग अब अपने बेटो का नाम उनके नाम पर रखना शुरू कर दिये है। इसी क्रम में आज सिद्घौर क्षेत्र के ग्राम सरांय सालिम पो0 जरगवां निवासी सैय्यद गुलाम हसनैन ने अनोखा काम कर डाला। दरअसल ग्राम देरी स्कूल में शिक्षक हसनैन के घर में आज एक बेटे का जन्म हुआ जिस पर खुश शिक्षक ने आज अपने बेटे का नाम हसन मसीहा उर्फ अन्ना रख डाला। शिक्षक के मुताबिक अन्याय जुर्म के खिलाफ लड़ते हुए इमाम हुसैन ने अपने प्राणो की आहूति दे डाली थी। ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ा दिया गया था और आज अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ हिम्मत से लडाई लड़ रहे है। ऐसे में उनकी मुहिम सराहनीय है जो कि भारत की तरक्की के लिए अच्छा संकेत है। यह जान कर ही मैने अपने बेटे का नाम अन्ना रखा। उन्होने कहा कि मुङो विश्वास है कि मेरा बेटा बड़ा होकर अन्ना जी के बताये हुए रास्ते पर चलकर देश की मजबूती के लिए काम करेगा। फिलहाल गुलाम हसनैन का अन्ना को इस अन्दाज में समर्थन करना क्षेत्र के लोगो को अचरज में डालते हुए भी बहुत भाया है। सभी इसकी मुक्तकण्ठ से प्रशन्नसा कर रहे है।
तहलका टुडे टीम
बाराबंकी। लोक पाल विधेयक के मुद्दे पर देश में तहलका मचा देने वाले अन्ना हजारे को अनोखे अन्दाज में अपना समर्थन देते हुए शिक्षक गुलाम हसनैन ने अपने नवजात शिशु का नाम अन्ना रख डाला। सिद्घौर क्षेत्र में इस अनोखे समर्थन का आम लोगो ने दिल से स्वागत किया है।
समाज सेवी अन्ना हजारे की लोक प्रियता इतनी बढ़ चली है कि लोग अब अपने बेटो का नाम उनके नाम पर रखना शुरू कर दिये है। इसी क्रम में आज सिद्घौर क्षेत्र के ग्राम सरांय सालिम पो0 जरगवां निवासी सैय्यद गुलाम हसनैन ने अनोखा काम कर डाला। दरअसल ग्राम देरी स्कूल में शिक्षक हसनैन के घर में आज एक बेटे का जन्म हुआ जिस पर खुश शिक्षक ने आज अपने बेटे का नाम हसन मसीहा उर्फ अन्ना रख डाला। शिक्षक के मुताबिक अन्याय जुर्म के खिलाफ लड़ते हुए इमाम हुसैन ने अपने प्राणो की आहूति दे डाली थी। ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ा दिया गया था और आज अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ हिम्मत से लडाई लड़ रहे है। ऐसे में उनकी मुहिम सराहनीय है जो कि भारत की तरक्की के लिए अच्छा संकेत है। यह जान कर ही मैने अपने बेटे का नाम अन्ना रखा। उन्होने कहा कि मुङो विश्वास है कि मेरा बेटा बड़ा होकर अन्ना जी के बताये हुए रास्ते पर चलकर देश की मजबूती के लिए काम करेगा। फिलहाल गुलाम हसनैन का अन्ना को इस अन्दाज में समर्थन करना क्षेत्र के लोगो को अचरज में डालते हुए भी बहुत भाया है। सभी इसकी मुक्तकण्ठ से प्रशन्नसा कर रहे है।