देश में सुधार की आशा बंधीःअन्ना हजारे


तहलका  टुडे   टीम     
नई दिल्ली,भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का आमरण अनशन लगातार तीसरे दिन जारी है। मीडिया से गुरुवार को बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जनता के सहयोग से मुझे बहुत आशा बंधी है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जन लोकपाल कानून बिल को जल्द से जल्द लागू करने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को देश में व्यापक समर्थन मिल रहा है। अन्ना हजारे ने कहा कि पिछले 20-25 सालों से मैं जनता के लिए लड़ रहा हूं, लेकिन आपने जिस तरह से भ्रष्टाचार के खिलाफ सहयोग किया उससे मुझे बहुत बल मिला है।
गांधीवादी नेता 72 वर्षीय हजारे के विरोध के बाद कृषि मंत्री शरद पवार ने भ्रष्टाचार पर गठित मंत्रिसमूह से इस्तीफा दे दिया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कैबिनेट के अपने कुछ सहयोगियों के साथ बातचीत के बाद हजारे से बातचीत के लिए एक या दो मंत्रियों को नामित करने का संकेत दिया।
ऐसा माना जा रहा है कि मंगलवार को शुरू हुए आमरण अनशन को लोगों से मिल रहे समर्थन को देखते हुए इस परिस्थिति से निपटने के लिए इस अनौपचारिक बातचीत का सहारा लिया गया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या हजारे से सरकार के किसी प्रतिनिधि ने संपर्क किया है, उनके एक सहयोगी ने बताया कि सरकार से हमें अभी तक किसी भी प्रकार की कोई सूचना नहीं मिली है। इस संबंध में हमें मीडिया के माध्यम से ही पता चला है।
सहयोगी ने बताया कि भूख हड़ताल अभी भी जारी है और हजारे का स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है। हजारे के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए दिन में दो बार डॉक्टर उनकी जांच कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में हजारे ने लोकपाल विधेयक को लेकर उनकी सरकार एवं कांग्रेस की कटु आलोचना की और उनसे अभूतपूर्व कदम उठाने के लिए साहस दिखाने का आग्रह किया।
कांग्रेस द्वारा उनके विरोध को असामयिक बताए जाने पर उन्होंने कहा कि अधिकारी दुर्भावनापूर्ण आरोप लगा रहे हैं। वह ऐसे व्यक्ति नहीं हैं कि कोई उन्हें अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने के लिए उकसा सके।
मंगलवार को शुरू हुई इस भूख हड़ताल को सभी वर्गों का व्यापक समर्थन मिल रहा है जिसमें छात्र, वरिष्ठ नागरिक, अभिनेता, प्रबंधक और कार्यकर्ता जंतर-मंतर पर एकत्र हो रहे हैं। राजधानी में जंतर-मंतर प्रदर्शनकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया है।
हालांकि, अजीत सिंह, उमा भारती और ओम प्रकाश चौटाला जैसे कुछ राजनीतिज्ञ इस मुद्दे को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता के समर्थन में मंच साझा करना चाहते थे, लेकिन उनके समर्थकों के व्यापक विरोध के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। हजारे ने कहा कि उनकी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल राजनीतिक मामला नहीं है।
इस बीच, आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हजारे का रक्तचाप गुरुवार को थोड़ा बढ़ गया और डॉक्टरों ने उन्हें ज्यादा बात नहीं करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि उनसे आराम करने को कहा गया है, बाकी वह ठीक हैं। उन्होंने बताया कि हजारे के साथ भूख हड़ताल पर बैठे कुछ कार्यकर्ताओं को अस्पताल ले जाया गया है

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