ममता का बच्चा राहुल बना दलितों का दुलारा

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तहलका टुडे टीम
जहानाबाद। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का गरीब पिछड़ों के प्रति प्रेम दिखाने का अंदाज ही कुछ अलग है और यह बिहार के जहानाबाद जिले में भी देखने को मिला। जिले में बुधवार को एक चुनावी सभा से पहले राहुल अपना एसपीजी सुरक्षा घेरा तोड़कर एकगरीब की झोपड़ी में चले गए वही कोलकाता में . रेलमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बंगाल में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए हाल ही के राहुल गांधी के दौरे के बारे किए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि युवा नेता राहुल को अभी राजनीति का कखग सीखने की जरूरत हैं।
नवादा जिले के हिसुआ में एक चुनावी सभा के बाद यहां पहुंचे राहुल चुनाव सभा के मुख्य द्वार की ओर जा रहे थे तभी उन्होंने रूककर वहां खड़े एक सत्तू विक्रेता से उसका हालचाल पूछा और फिर उसकी झोपड़ी में प्रवेश कर गए। एसपीजी के सुरक्षाकर्मी भी इस वाकया से चौंक गए। अमेठी के सांसद को देखने के लिए उत्सुक लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी, जिसे नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
राहुल ने झोपड़ी के भीतर जाकर एक छोटी बालिका सहित वहां मौजूद परिवार के सदस्यों का हालचाल पूछा। युवा नेता ने सत्तू विक्रेता के साथ हाथ मिलाया और खुद उसका नाम भी लिखा। बाद में चुनावी सभा में राहुल ने गरीब दलितों से मिलने के लिए विरोधियों द्वारा की जाने वाली उनकी आलोचना पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि गरीबों के घर जाने पर वे मुझे बच्चा कहते हैं, लेकिन बेहद विनम्रता के साथ मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं बच्चा नहीं हूं।
राहुल ने कहा कि बीते पांच वर्षो से मैं गांवों के गरीबों के कल्याण के बारे में जानकारी लेने का काम कर रहा हूं। क्योंकि जब तक उनकी तकलीफों को दूर नहीं किया जाता भारत प्रगति नहीं कर सकता।
रेलमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने राहुल पर किए गए सवालों का जवाब देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि राहुल की बंगाल यात्रा के बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहती। कृप्या मुझसे राहुल के बारे में कुछ न पूछे। अगर मुझसे पूछना ही है तो इंदिरा गांधी, राजीव गांधी या सोनिया गांधी के बारे में पूछो। मैं इन लोगों पर टिप्पणी कर सकती हूं क्योंकि मैंने इनके साथ काम किया है।राहुल ने झोपड़ी के भीतर जाकर एक छोटी बालिका सहित वहां मौजूद परिवार के सदस्यों का हालचाल पूछा। युवा नेता ने सत्तू विक्रेता के साथ हाथ मिलाया और खुद उसका नाम भी लिखा। बाद में चुनावी सभा में राहुल ने गरीब दलितों से मिलने के लिए विरोधियों द्वारा की जाने वाली उनकी आलोचना पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि गरीबों के घर जाने पर वे मुझे बच्चा कहते हैं, लेकिन बेहद विनम्रता के साथ मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं बच्चा नहीं हूं।
राहुल ने कहा कि बीते पांच वर्षो से मैं गांवों के गरीबों के कल्याण के बारे में जानकारी लेने का काम कर रहा हूं। क्योंकि जब तक उनकी तकलीफों को दूर नहीं किया जाता भारत प्रगति नहीं कर सकता।
राहुल के बारे में मैं बस इतना ही कहना चाहूंगी कि यह अच्छी बात है कि वो राजनीति में हैं। मेरी शुभकामनाएं उसके साथ हैं लेकिन पहले राहुल को राजनीति को सीखने तो दो।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने हाल ही में 14-16 सितंबर को बंगाल में युवा कांग्रेस को मजबूत करने के लिए यात्रा की थी। जब ममता से पूछा गया कि क्या वो ये कहना चाहती हैं कि राहुल अभी राजनीति में बच्चे हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि ऐसा मैं नहीं आप कह रहे हैं। ममता ने यह भी कहा कि अपने आप को मजबूत करने का हर पार्टी को अधीकार है।
गौरतलब है कि राहुल की बंगाल यात्रा से पहले ममता ने राहुल का नाम लिए बिना कहा था कि मैं कोई मौसमी चिड़िया नहीं हूं जो आती है और चली जाती है। ममता की राहुल पर इस टिप्पणी की कांग्रेस नेताओं ने काफी आलोचना भी की थी।
इससे पहले 2009 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। लेकिन इसके बाद हुए नगर निगम चुनावों में पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। कांग्रेस नेताओं ने बार-बार केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत की थी कि ममता उन्हें सम्मान नहीं देती हैं। इस पर राहुल गांधी ने टिप्पणी की थी कि हम दोस्ती कर सकते हैं लेकिन अपना सिर नहीं झुका सकते।
ममता इस समय केंद्र की यूपीए सरकार में कांग्रेस की सहयोगी है। राहुल गांधी पर ममता बनर्जी की टिप्पणियों पर कांग्रेस नेतृत्व भी बयानबाजी करता है। शायद इसी लिहाज से इस बार ममता ने राहुल पर सीधा निशाना नहीं साधा है