गोल्ड जीतने वाली अनीसा सैय्यद का दर्द

रेलवे में तैनात अनीसा ने विभागीय उपेक्षा के बावजूद देश के लिए दो स्वर्ण पदक जीतकर तहलका मचा दिया। देश को अनीसा पर नाज है। आजकर उनके घर जश्न का माहौल है। हर किसी की जुबान पर अनीसा की हिम्मत अैर दिलेरी के चर्च है। ढोल नगाडों के साथ जश्न मना रहे लोग अनीसा की उपलब्धि से खुद को गौरवन्वित महसूस कर रहे है। कल तक गुमनामी की जिन्दगी जीने वाली अनीसा अचानक लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। जिस रेलवे ने उसे दुत्कारा उसे भी उसने करार जवाब दिया है। पिछले 15 महीने से अनीसा को सैलरी के नाम पर रेलवे ने फूटी कॉडी तक नहीं दी। अनीसा की परेशानियों का अन्त यहीं नहीं हुआ। राष्ट्रमंडल खेल से ठीक एक महिने पहले उसकी पिस्टल टूट गई, जिस रेलवे ने उसे साथ बेरूखी दिखाई उससे मदद की उम्मीद भी बेमानी थी, लेकिन इसी शहर में सेना के एक रिटायर्ड अफसर उसकी मदद के लिए फरिश्ते की तरह सामने आए और अनीसा की राह आसान हो गई। अनीसा ने राष्ट्रमंडल खेल की 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में देश के खाते में दो गोल्ड मेडल डालकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है। अब उसके और उसके परिवार की बेहतरी के लिए सरकार क्या कदम उठाती है। इसका इंतजार देश के सभी खेल प्रेमिकों को है।