मंत्री जी भी और पिता जी भी खुश।


सना जैदी 
कानपुर ।। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनंत मिश्रा कानपुर के ही हैं। इसका नतीजा यह हुआ है कि शहर में जब बी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से को
ई कार्यक्रम होता है तो उसमें मंत्रीजी को ही बुलाया जाता है। चूंकि हर कार्यक्रम में मंत्रीजी नहीं आ सकते, इसलिए उनकी कमी उनकी माताजी, उनके पिताजी पूरी कर ली जाती है। माना जाता है कि इससे मंत्री जी खुश हो गए।
अब शनिवार को ही शहर में इंडियन एकेडमी आफ पीडियाट्रिक्स ने विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया है। एकेडमी के सचिव और संगोष्ठी के आयोजक डॉ. विवेक सक्सेना से जब आज पूछा गया कि संगोष्ठी में कौन-कौन आएगा तो उन्होंने बताया कि इसमें शहर के मशहूर बाल रोग विशेषज्ञ आएंगे और वह माताओं को बताएंगे कि बच्चों को स्तनपान कराना क्यों जरूरी है। डॉ. सक्सेना से जब पूछा गया कि इस संगोष्ठी का उदघाटन कौन करेगा तो उन्होंने बताया कि संगोष्ठी का उदघाटन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनंत मिश्रा की माताजी विमला मिश्रा करेंगी।
डॉ. सक्सेना से पूछा गया कि क्या विमला मिश्रा जी स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी हैं या कोई मशहूर डाक्टर हैं तो उन्होंने कहा कि 'ऐसा नहीं है। उन्हें समाजसेवी की हैसियत से बुलाया जा रहा है।' क्या इससे पहले माता जी स्तनपान पर किसी संगोष्ठी में बोल चुकी हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। बस वह मंत्री जी की मां है और बुजुर्ग महिला हैं और एक समाजसेवी की संगोष्ठी में जरूरत थी। इसलिए उन्हें बुला लिया गया। उनसे कहा गया कि अगर बुजुर्ग और समाजसेवी महिला की ही संगोष्ठी में जरूरत थी तो आपको नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की सहयोगी रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. लक्ष्मी सहगल को बुलाना चाहिए क्योंकि वह तो डाक्टर भी थीं। इस पर उनकी टिप्पणी थी, 'अब मैं इस बारे में क्या कह सकता हूं।'
शहर के जिला सरकारी अस्पताल उर्सला में भी आयोजित छोटे-मोटे कार्यक्रमों में स्वास्थ्य मंत्री के पिता को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाकर मंत्री जी को खुश करने की कोशिश की जाती है। अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, 'अस्पताल के हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में तो स्वास्थ्य मंत्री मिश्रा आ नहीं सकते। इसलिए हम उनके पिता डी. सी. मिश्रा को ही बुलाकर उनसे कार्यक्रम की शुरुआत करवा लेते हैं। इससे मंत्री जी भी खुश और पिता जी भी खुश।'
उन्होंने कहा कि हमें अक्सर किसी शुभ अवसर पर मरीजों को फल और मिठाइयां आदि बंटवानी होती है तो हम मंत्री जी के पिता के हाथों यह काम करवा देते हैं। उनसे पूछा गया कि क्या मंत्री जी के पिता कोई डाक्टर या स्वास्थ्य विभाग में किसी पद पर रह चुके हैं तो उन्होंने जवाब दिया,'उनका स्वास्थ्य विभाग से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन, वह स्वास्थ्य मंत्री के पिता हैं, क्या यही कम है?

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