अमेरिका की कूटनीति कामयाब

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चीन को अपनी मिसाइल की
जद में लेगा भारत?
तहलका टुडे टीम
दिल्ली. भारत से लगी सीमा में चीन की सैन्य हरकतों से बचाव के लिए भारत ने कमर कस ली है। अब भारत सीमा पर परमाणु क्षमता से लैस मिसाइलें तैनात करने पर सोच रहा है। साथ ही, सीमाई इलाकों में बेहतरीन सड़कें बनवाने पर भी जोर दिया जा रहा है।
भारत चीन की सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता कर रहा है। भारत चीन की सीमा पर लगने वाले उत्तर पूर्वी प्रदेशों की सीमाओं, पर परमाणु हथियार वाली बैलेस्टिक मिसाइलें, 2000 किलोमीटर तक मार करने वाली अग्नि-दो और 350 किलोमीटर तक वार करने वाली पृथ्वी-तीन की तैनाती पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
हाल ही में अमेरिका अमेरिकी सेना के मुख्यालय पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत और चीन की सीमा पर तनाव की आशंका है।
चीन ने भारत की सीमा पर आधुनिक मिसाइल सीएसएस-5 तैनात कर दी हैं। इसके अलावा कम समय में अपने एयरबेस भारत की सीमा पर ले जाने की भी पूरी तैयारी कर ली है।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इन गतिविधियों को काफी गंभीरता से लिया है और पिछले कुछ समय में इस इलाके में अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा जी हैं। नार्थ-वेस्ट बंगाल में अतिरिक्त जमीन लेकर मिसाइलें तैनाती का काम शुरू कर दिया गया है।
असम के तेजपुर और छाबुआ में एसयू-30 एमकेआई फाइटर प्लेन के दो स्क्वाड्रन भी तैनात किए जा रहे हैं। पहले भारत के आवागमन की व्यवस्था भी काफी कमजोर थी, लेकिन अब भारत ने अपनी सीमा में पक्की सड़क बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। करीब 70 महत्वपूर्ण सड़कों पर काम जारी है।
कोट
भारत को आक्रामक नहीं होना चाहिए, लेकिन बचाव के लिए तैयार रहने की जरूरत है। ऐसी बातों को मीडिया में भी ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं है।
- जी. पार्थसारथि, पूर्व उच्चायुक्त
हम हर ओर से उन मुल्कों से घिरे हैं, जिनका बर्ताव हमारे प्रति शत्रुतापूर्ण है। देश में सुरक्षा संबंधी हालात ‘गंभीर’ हैं। इससे निपटने के लिए हमें ज्यादा आधुनिक और कारगर देसी उपकरणों की जरूरत है। इसके लिए डीआरडीओ और दूसरी एजेंसियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। अभी हमें 70 फीसदी ऐसे उपकरण आयात करवाने पड़ रहे हैं।
- रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी (बुधवार को राज्यसभा में)