जम्मू-कश्मीर में बादल फटने के बाद आई भयानक बाढ़ 100 मरे
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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में लेह में बादल फटने के बाद आई भयानक बाढ़ के कारण 100 से अधिक लोगों के मरने की आशंका है। सूत्रों के मुताबिक अब तक 70 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। दुर्घटना में सैकड़ों लोग लापता हैं। मण्डलीय आयुक्त के विशेष अधिकारी आमिर अली ने बताया कि बादल फटने की घटना गुरूवार रात लेह जिले के चुगलामसर इलाके में हुई जिसके बाद आई भयानक बाढ़ से टेलीफोन एक्सचेंज, स्थानीय एयरपोर्ट, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल का एक शिविर, निकटवर्ती मकान और अन्य सरकारी इमारतें बह गई।
पुराने लेह शहर में मिट्टी से बने कई मकान ध्वस्त हो गए हैं। निम्मो वासको पुल भी ढह गया है जिससे लेह शहर का आस-पास के शहरों से संपर्क टूट गया है। लेह-कारगिल मार्ग और लेह -मनाली मार्ग बंद कर दिया गया है। बीएसएनएल की सभी वाएं ठप हो गई हैं।
उन्होंने बताया कि घटना के कारण कई लोगों की मौत हो गई है और कई लापता हैं। अली के अनुसार मरने वालों की तादाद 100 से अधिक हो सकती है लेकिन सही संख्या का अब तक पता नहीं चल पाया है। अली ने बताया कि बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। अली ने बताया कि निकटवर्ती इलाकों से बचावकर्मियों को घटनास्थल पर रवाना कर दिया गया है। कल देर रात बादल फटने के बाद हुई भारी बारिश ने चुगलामसर में लगभग सब कुछ तबाह कर दिया है।
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के प्रवक्ता प्रभाकर त्रिपाठी ने बताया कि इस घटना में सीआरपीएफ का एक पूरा शिविर बह गया है। शिविर में रखा सारा रिकार्ड और अन्य सामान भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रभाकर के अनुसार हादसा इतना जबर्दस्त था कि घटना के बाद लेह शहर के ऊपरी इलाके में स्थित शिविर में खडे कई वाहन गिरकर नीच पहुंच गए।
सूत्रों के मुताबिक सेना के लगभग 6000 जवान राहत और बचाव कार्य में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि राहत एवं बचाव कार्य में लगे एक जवान की भी मौत हो गई है। लेह के अस्पताल खचाखच भरे हैं और वहां घायलों को रखने के लिए जगह नहीं बची है। अस्पताल को भी नुकसान पहुंचा है। तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण लेह एयरपोर्ट पर पानी भर गया है। लेह में हालात काफी खराब होते जा रहे हैं। दिल्ली से लेह की सभी फ्लाइट रद्द कर दी गई हैं।