पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन के लम्बित मामलो में उ0प्र0 अव्वल

पुलिस की लापरवाही की वजह से 82 लाख की रकम लैप्स

रिज़वान मुस्तफा

लखनऊ - देष में सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेष में पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन के मामले लम्बित है। उ0प्र0 पुलिस की लापरवाही के चलते केन्द्र सरकार से सत्यापन के लिए मिलने वाली 82 लाख की रकम लैप्स हो गई। अवाम परेषान है, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी आर एन राय ने डीजीपी को पत्र लिखकर षिकायत भी की है।
मालुम हो देष में इस महीने तक पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन के 82614 मामले लम्बित है। जिससे सिर्फ उ0प्र0 में 82011 मामले लम्बित है दूसरा नम्बर जम्मु कषमीर का है जहाँ सिर्फ 26 मामले लम्बित है। केन्द्र सरकार पुलिस को 21 दिन में सत्यापन करने के लिए प्रति पासपोर्ट 150 रू0 देता है। 21 दिन बाद यह रकम घटकर 50 रू0 हो जाती है। इस तरह प्रदेष की पुलिस की लापरवाही के चलते 82 लाख से ज़्यादा का नुकसान प्रदेष सरकार का हुआ है। इस मामले में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी आर एन राय ने डीजीपी को पत्र लिखकर पुलिस की लचर कार्यषैली के लिए षिकायत भी की है।
आर एन राय ने यह भी बताया कि उ0प्र0 में देष के सबसे अधिक पासपोर्ट बनते है। पिछले साल जितने बने अभि तक सितम्बर माह में 421000 हज़ार पासपोर्ट बन चुके है। सिर्फ सितम्बर महीने में 65000 से ज़्यादा आवेदन पासपोर्ट बनने के लिए आये है।
पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि दलालो का बोलबाला समाप्त हो गया है। अब पासपोर्ट फाइल का पारदर्षी सिलसिला है सिर्फ 30 रू0 देकर वह फाइल को हर स्टेप की जानकारी एस एम एस से प्राप्त हो जाती है। पिछले महीने लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर में लगाये गये मेले में 3100 अप्वायनरमेन्ट जारी किये गये थे जिसमें 2800 लोगो ने करीब यह फायदा उठाया। 25-26 अक्टूबर को इलाहाबाद में कैम्प लगाया जा रहा है। नवम्बर माह में पासपोर्ट के लिए मेले लगाये जायेंगे जहां सारी सूविधा मुहय्या होगी।
आर एन राय ने यह भी बताया कि रोज़गार की तलाष में खाड़ी देषो में जाने वाले कामगर में इसमें ज़्यादा संख्या, गोरखपुर, आज़मगढ़ के लोगों की है। इसमें ज़्यादातर युवक 18 व 30 साल के होते है। इनकी भीड़ को कम करने के लिए नई तकनीक से कामयाबी मिली है।
पासपोर्ट अधिकारी आर एन राय ने कहा कि इतनी फास्ट प्रक्रिया के बाद भी प्रदेष पुलिस की लापरवाही से पुलिस सत्यापन देर से आने की वजह पासपोर्ट जारी होने में देर हो जाती है इससे अवाम भी परेषान होती है और 21 दिन बाद पुलिस सत्यापन वापस ना आने पर 150 की जगह 50 रू0 ही मिलते है।

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