आज कल सबसे झूठा वह नेता बन जाता है--डा. कल्बे सादिक

इस्लाम कामन सेन्स का मजहब है.................
देवबंदी, बरेलवी की मस्जिद नहीं होती सिर्फ अल्लाह की होती ह
कर्बला सिविल लाइन्स में अजीम यौमे गम कार्यक्रम
बाराबंकी। हजरत फात्मा जहरा (स0अ0) की शहादत पर आज कर्बला सिविल लाइन्स में अजीम यौमे गम कार्यक्रम का आयोजन सैयद शुजाअत हुसैन रिजवी नगरामी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा किया गया। इस अवसर पर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष हकीम-ए-उम्मत मौलाना डा. कल्बे सादिक ने कहा इस्लाम कामन सेन्स का मजहब है। यह कहता है जब तक समझ में न आये न मानो। 
मौलाना कल्बे सादिक ने आगे कहा जो आज कल सबसे झूठा वह नेता बन जाता है इस नेता से हर एक डरता है सिवाय उसके जो अल्लाह से डरता है हजरत अली (अ0) जो दुनिया के सबसे बेखौफ निडर इंसान थे लेकिन अल्लाह के आगे लरजते थे। जो अल्लाह से जितना डरेगा वह दुनिया में सबसे निडर होगा अल्लाह का खौफ नेमत है। जो अल्लाह से डरता है कमजोर से कमजोर इन्सान भी उससे नहीं डरता क्योंकि वह जानता है कि अल्लाह से डरने वाला जालिम नहीं होगा। 
मौलाना सादिक ने कहा इस्लाम में ईमान है अकीदा नहीं कुआर्न में अकीदे का लफ्ज ही नहीं है अकीदे के जरिये मोहब्बत पैदा होती है लेकिन मरिफत हासिल नहीं होगी। अकीदे से अंधविश्वास पैदा होता है। मौलाना ने मुसलमानों से अपील की वह मस्जिदे अल्लाह के लिए बनाये फिरके में न बाटे देवबंदी, बरेलवी की मस्जिद नहीं होती सिर्फ अल्लाह की होती है। अन्त में उन्होंने हजरत फात्मा जहरा (स0अ0) की शहादत के दर्दनाक मसायब पेश किये।
इससे पूर्व 1200 मदरसों के बोर्ड तन्जीमुल मकातिब के सचिव मौलाना सफी हैदर ने मजलिस को सम्बोधित करते हुए कहा तरबियत के बाद तालीम दी जाये तो कामयाबी मिलती है अगर बगैर तरबियत के तालीम देंगे तो रट्ट तोते तो होंगे लेकिन कामयाबी कोसो दूर होगी। मौलाना सफी ने आगे कहा कि पैगम्बरे इस्लाम ने कहा कि फात्मा मेरा टुकड़ा यानि नबुअत का टुकड़ा है। मर्दों के लिए नमूनये अमल नबी (स0अ0) हैं और औरतों के लिए उनका टुकड़ा जनाबे फात्मा जहरा (स0) इसलिए दोनों की इताअत जरूरी है। अन्त में मौलाना ने दर्दनाक मसायब पेश किये। 
मजलिस से पूर्व गौहर नगरामी ने अपने खास अन्दाज में सोजख्वानी की। इसके अलावा बाकर बाराबंकवीं ने पढ़ा ‘अल्लाह की रिजा का वसीला है फात्मा-सरकारे अम्बिया की तमन्ना है फात्मा’। कशिश संडीलवी ने पढ़ा ‘जब आम होगा दहर में इरफा बुतूल का-कलमा पढ़ेगी अजमते इमका बुतूल का’। मजलिस की समाप्ति पर अन्जुमन गुन्चये अब्बासिया के कमर इमाम, रजा हैदर, मुजफ्फर इमाम, जफर इमाम ने नौहाख्वानी की। अन्त में कर्बला के खादिम रिजवान मुस्तफा ने सभी का शुक्रिया अदा किया। इस अवसर पर विधायक रामगोपाल रावत ने भी शिरकत कर पुरसा दिया। 
वहीं मौलाना गुलाम अस्करी हाल में मरहूम युसूफ की याद में मजलिस सरबराहे मदरसे जामिया इमाम जाफरे सादिक (अ0स0) जौनपुर से आये मौलाना सफदर हुसैन जैदी कहा कि ईमान की अस्ल बुनियाद एकलाख है। सदाकत जब अमल के सहारे चलती है तो वह पुश्त पनाह बन जाती है। हक बोलने वाला किसी से खौफ जदा नहीं होता। इससे पूर्व कशिश संडीलवी, रियाज हैदर, अजमल किन्तूरी, सरवर अली रिजवी, हसन आजमी, मोनिस सरवर ने नजरायने अकीदत पेश किया।

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