बिन लादिन की मौत, कुछ सवाल

तहलका टुडे टीम
ओसामा के मारे जाने का समाचार अन्तत: आ ही गया। परन्तु विभिन्न लोग और गुट अलग अलग बातें कह रहे हैं।
१) मीडिया तो अधिकतर देशों में वही कह रहा है और छाप रहा है जो अमरीका कह रहा है। चित्र जो छापे जा रहे हैं वह भी अमरीकी मीडिया में दिये गये चित्र ही हैं परन्तु इन चित्रों को फ़ोटो शॉप के विशेषज्ञ कुछ अलग ही दृष्टि से देखरहे हैं।
२ ) पाकिस्तानी और अमरीकी राजनीतिज्ञों की ओर से जो ब्यान आ रहे हैं उनमें कुछ हिकलाने और अटकने का सा आभास होता है। ओसामा को मारने और फिर दफ़न करने के बारे में भी जो बातें अमरीकियों की ओर से कही जा रही हैं वह भी कुछ दिल को नहीं लगती (अ) लाश को समुंद्र में डुबो दिया गया। कब? इतनी जल्दी कयों? किस स्थान से समुंद्र में डाला गया? एक अमरीकी सैन्य अधिकारी ने नमाज़े जनाज़ा पढ़ाई क्या पहले से प्रक्टिस कर रखी थी नमाज़े जनाज़ा पढ़ाने की और फिर क्या पाकिस्तान में ऐसे मुसलमान नहीं मिल सकते थे जो नमाज़े जनाज़ा पढ़ा सकें?
(ब) लाश वाशिंगटन ले गये क्यों ? क्या CIA के अधिकारी अपने मित्र के अन्तिम दर्शन के लिये व्याकुल थे या फिर वाइट हाउस में दफ़न करना था जहां बुश परिवार के साथ ओसामा की मित्रता की यादें वातावरण को महकाये हुये है? और अगर ले गये तो कब , किस जहाज़ से?
(३) एक समाचार यह भी है कि लाश को अफ़ग़ानिस्तान में दफ़न किया गया! कब? किसने दफ़न किया?
अब आते हैं उन लोगों की ओर जो इस संबन्ध में दूसरी तरह की बातें करते है। उनका मानना है कि
(१) ओसामा बहुत दिनों से बीमार था। गुर्दे ख़राब हो चुके थे, इस लिये डायलिसेज़ होती थी और वह कई महीने पहले ही मर चुका था।
(२) ओसामा के बीमारी के कारण मरने का समाचार मिलने के पश्चात उसे मारने का नाटक रचा गया है क्योंकि दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित पाकिस्तानी सैनिक छावनी के पास हैली काप्टर उड़े उन्होंने ओसामा को, जो बिल्कुल निश्चिन्त होकर वहां डेरा डाले हुये था, मारा और ..... यह सब कैसे संभव है?
इस प्रकार की बातें सुनने के पश्चात मन में आया कि शायद कुछ लोग ओबामा और पाकिस्तानी अधिकारियों से नाराज़ हैं इस लिये इस प्रकार का संदेह व्यक्त कर रहे हैं? यही सोच कर जब अमरीकी मामलों के विशेषज्ञों से बात की तो उन्होंने कहा:
अरे भई, इलेकशन का समय निकट आरहा है। मध्यपूर्व की स्थिति और वहां पर अमरीकी नीतियों की विफलता सब के सामने है फिर अमरीका की आर्थिक स्थिति भी संभलती दिखायी नहीं पड़ती तो फिर ऐसी स्थिति में यदि मरे हुये ओसामा को मार कर और यह समाचार देकर कि अमरीका के आर्थिक संकट के मुख्य कारण को समाप्त कर दिया गया है, यदि अपनी पब्लिक को ख़ुश कर दिया जाये, तो निराशा के घुप अन्धेरे में आशा की एक छोटी सी तेल की कुप्पी तो जलायी जा सकेगी ना?
अब तहलका टुडे के तो कुछ भी नहीं आ रहा है यदि आप पाठकों की समझ में आ रहा हो तो मुझे भी बताइये।

Post a Comment

emo-but-icon

Featured Post

करंसी नोट पर कहां से आई गांधी जी की यह तस्वीर, ये हैं इससे जुड़े रोचक Facts

नई दिल्ली. मोहनदास करमचंद गांधी, महात्मा गांधी या फिर बापू किसी भी नाम से बुलाएं, आजादी के जश्न में महात्मा गांधी को जरूर याद किया जा...

Follow Us

Hot in week

Recent

Comments

Side Ads

Connect Us

item