बहरैन में जनसंहार की आलोचना
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आज तेहरान की नमाज़े जुमा आयतुल्लाह अहमद जन्नती की इमामत में अदा की गई। उन्होंने नमाज़े जुमा के ख़ुत्बों में कहा कि सऊदी अरब ने, जिसने फ़िलिस्तीन की अत्याचारग्रस्त जनता के समर्थन में एक भी गोली नहीं चलाई, बहरैन की मुसलमान जनता के दमन के लिए अपने सैनिकों को बहरैन भेज दिया। उन्होंने मनामा सरकार के अपराधों और शीया होने के दोष में बहरैन की जनता के जनसंहार तथा उसे यातनाएं दिए जाने की ओर संकेत करते हुए कहा कि अत्याचारग्रस्त इस्लामी राष्ट्र उठ खड़े हुए हैं और इस्लामी जागरूकता, जिससे वर्षों से शत्रु भयभीत थे, उभर कर सामने आ गई। आयतुल्लाह जन्नती ने कहा कि शत्रुओं ने जातीय व राजनैतिक फूट डालने के प्रयासों द्वारा मुसलमानों की एकता को लक्ष्य बना रखा है और सभी मुस्लिम राष्ट्रों को चेतना के साथ एकजुट होकर अपनी एकता की रक्षा करनी चाहिए और उसे सुदृढ़ बनाना चाहिए। उन्होंने इसी प्रकार बहरैन की जनता के जनसंहार के बारे में ईरान के विदेशमंत्री द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव और सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के नाम लिखे गए पत्र की सराहना की।