हिंदुस्तानियों के काले धन से भरा पड़ा है स्विस बैंक

तहलका टुडे टीम 
बेंगलुरु। विकीलीक्स के खुलासों से दुनिया के बड़े बड़े देशों की सरकारें बौखलाई हुई हैं। एक भारतीय न्यूज चैनल से विशेष बातचीत में विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज ने कहा कि भारत काले धन का मुख्य स्रोत है। असांज नें इससे पहले भी भारत के बारे में भी कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। उन्होंने स्विस बैंक में जमा भारतीयों के काले धन की अहम जानकारी दी है।

अपनी बातचीत में असांज ने कहाकि विदेशों में सबसे ज्यादा ब्लैक मनी भारत से आ रहा है। उन्होंने भारतीय सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि काले धन के मामले में सरकार का रवैया बहुत ढीला ढाला है। उन्होंने कहाकि इस मामले में सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। जूलियन असांज ने कहा कि स्विस बैंक में सबसे ज्यादा खाते भारतीयों के हैं। असांज ने कहा कि स्विस बैंकों में खाता रखने के लिए बड़ी रकम की जरूरत होती है और बेशक ये खाते किसी आम भारतीय के नहीं हो सकते। जूलियन असांज ने कहा कि उन्होंने स्विस बैंक में बहुत सारे भारतीयों के नाम देखे हैं। ये पहली बार है जबकि असांज ने स्विस बैंक में भारतीय धन होने की बात को खुलकर कहा है।

असांज का ये बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जबकि देश में पहले से ही काले धन के मुद्दे को लेकर बवाल मचा हुआ है। सरकार की खिंचाई करते हुए असांज ने कहा कि भारत को काले धन के मसले पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए क्योंकि इस वजह से भारत को टैक्स का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा। उन्होंने जर्मनी की तारीफ करते हुए कहाकि जिस तरह से जर्मनी ने इस मुद्दे को संभाला है वैसा ही रुख भारत सरकार को भी अपनाना चाहिए क्योंकि काले धन के कारण भारत में टैक्स चोरी बहुत ज्यादा है।
 उन्होंने कहा कि जल्द उन भारतीयों के नामों का खुलासा किया जाएगा जिनके एकाउंट्स यहां पर हैं।
उन्होंने इस बात का संकेत दिया कि सूची में शामिल भारतीयों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे।
असांजे ने एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि जानकारी में भारतीयों के नाम भी हैं जिनका हम पहले ही प्रकाशन कर चुके हैं या करने वाले हैं। मुझे किसी विशिष्ट भारतीय का नाम याद नहीं है जो हमारे आगामी प्रकाशन में होगा। लेकिन मैंने भारतीय नाम पढ़े हैं।
स्विस बैंकों में खाता रखने वाले भारतीयों में कुछ बड़े नाम होने के संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि इन निजी स्विस बैंकिंग संस्थानों में आपको खाता खोलने के लिए कम से कम 10 लाख डॉलर की जरूरत होती है, जो काफी ज्यादा राशि है और यह किसी आम भारतीय के पास नहीं होती।
इस सवाल पर कि क्या नामों का कभी भी खुलासा हो जाएगा, उन्होंने कहा कि आपको उम्मीद बिल्कुल नहीं छोड़नी चाहिए। बहरहाल, असांजे ने इस मुद्दे पर अधिक खुलासा करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि उन्हें स्विस बैंकों में दूसरे देशों के नागरिकों के बजाय भारतीयों की अधिक मात्रा में राशि जमा होने की बात एक खबर के जरिए पता लगी।

असांजे ने आरोप लगाया कि विकीलीक्स के केबलों पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया विश्व में बदतर रही और केबलों में क्या है, इस बारे में देश को गुमराह करने की साफ तौर पर कोशिश हुई। उन्होंने भारत सरकार के इन दावों को भी खारिज कर दिया कि कालेधन का पता लगाने के तरीके में दोहरा कराधान रोकने संबंधी संधियां अवरोध पैदा कर रही हैं।
असांजे ने कहा कि दोहरे कराधान का छिपाकर रखी गई दौलत से कोई लेनादेना नहीं है। इससे छिपा कर रखी गई संपत्ति पर पर्दा नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि विदेशी बैंकों में कालाधन छिपाकर रखने का मुद्दा स्थानीय स्तर पर होने वाले भ्रष्टाचार से भी बदतर है, क्योंकि इसमें धन को देश से बाहर भेज दिया जाता है।
असांजे ने कहा कि हर बार वे रुपए को बेचते हैं, जिसके नतीजतन देश की मुद्रा का मूल्य कम होता है। इस हस्तांतरण के चलते सभी भारतीयों के लिए सब कुछ महंगा हो जाता है। उन्होंने पूर्व में दावा किया था कि उन्हें पूर्व बैंकर रूडॉल्फ एल्मर से बैंक खातों संबंधी दस्तावेज मिले थे।
झंडाबरदार वेबसाइट चलाने वाले असांजे ने यह भी दावा किया था कि दस्तावेजों में मौजूद नाम अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रिया और एशिया सभी क्षेत्रों के हैं तथा इनमें कारोबारी, नेता, कला क्षेत्र के लोग और बहुराष्ट्रीय कंपनियां चलाने वाले लोग शामिल हैं।

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