सोनिया की चहेती रीता की जुबान-बेहूदा बत्तमीज.. नेतागीरी करता है। कहां रहता है तू?'

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तहलका टुडे टीम
मुरादाबाद। 'बेहूदा बत्तमीज.. नेतागीरी करता है। कहां रहता है तू?' यह तल्ख टिप्पणी किसी और की नहीं, मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ बयान में जुबान फिसलने पर पहले भी विवादों में फंस चुकीं सोनिया गाँधी की प्यारी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रीता बहुगुणा की थी, जो सोमवार को मुरादाबाद के बाढ़ पीड़ित क्षेत्र के मुआयने में अवंतिका कालोनी में लोगों के बीच से उठे विरोधी स्वर की प्रतिक्रिया में कुछ सेकेंड के लिए अपना आपा खो बैठीं।
पहले बाढ़ की विभीषिका और उसके बाद से राजनीतिक व प्रशासनिक स्तर से राहत-मुआवजे के आश्वासनों से आजिज आ चुके लोगों ने इन्हीं बिंदुओं पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को अपने बीच आने पर घेरा। सवाल उठाया कि क्षेत्र की नुमाइंदगी करने वाले कांग्रेस के सांसद अजहरुद्दीन का रोल सिर्फ वक्त-वक्त पर झलक दिखाने के लिए मुरादाबाद आने का ही क्यों है?, अभी तक मुरादाबाद के लिए उन्होंने क्या ठोस काम किया?, कांठ रोड के बाढ़ पीड़ितों को राज्य या केंद्र से अब तक कुछ क्यों नहीं मिला? ऐसे सवालों के साथ तीखे तेवरों में आईं बाढ़ पीड़ित महिलाएं दर्द बयां करते-करते रो भी पड़ीं। रीता बहुगुणा ने भी कई महिलाओं के कंधे पर हाथ ढांढस बंधाया तो गंदे पेयजल की आपूर्ति की शिकायत पर सप्लाई हो रहे पानी का नमूना बोतल में लिया और कहा कि इसकी लैब से जांच कराएंगी।
ऐसी बातों व कोशिशों के बीच शुरूआत में उठे विरोधी स्वर की खीझ कहीं न कहीं रीता के मन में रही, जो फूट पड़ने की शैली में उस वक्त एकाएक बाहर आई जब फिर एक नौजवान ने विरोधभरी शैली में नेताओं के दौरों को दिखावा करार दिया। बाढ़ पीड़ित सोनू की ओर से ऐसे कटाक्ष पर रीता आपा खो बैठीं और एक सांस में बोलीं, 'बेहूदा, बदतमीज.. नेतागीरी करता है..पहचानता नहीं कौन पीड़ा सुनने वाला है और कौन नाटक करने वाला।' हालांकि जल्द ही खुद को संयमित करते हुए उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के वक्त का हवाला दिया और जल्द राहत का भरोसा देकर आगे बढ़ गईं। बताते हैं कि बाद में उनके द्वारा जामा मस्जिद क्षेत्र समेत बाढ़ प्रभावित महानगर के अन्य इलाके का दौरा भी प्रस्तावित था लेकिन शुरूआती विरोध के झटके के कारण उन्होंने इसे टाल दिया। अलबत्ता और जगह न जाने के पीछे उनके रामपुर दौरे में देरी होने का तर्क दिया जा रहा है।