लोकसभा में फिर गूंजा उत्तर प्रदेश के किसानों का मुद्दा
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नई दिल्ली उत्तर प्रदेश में यमुना एक्सप्रेस वे के लिए जमीन अधिग्रहण का मुद्दा लोकसभा में मंगलवार को फिर गूंजा। केंद्र सरकार ने सदन में भरोसा दिया कि सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और जल्द ही संसद में भूमि अधिग्रहण संबंधी विधेयक लाएगी। सदन के नेता प्रणब मुखर्जी ने कहा, खाद्य सुरक्षा में किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण है। सरकार ने कृषि मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता में मंत्री समूह का गठन किया है और हम इस पर एक व्यापक विधेयक ला रहे हैं।
मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा, समाजवादी पार्टी आदि के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आ कर नारेबाजी करने लगे। स्पीकर ने उनको प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया, लेकिन शोर-शराबा जारी रहा। तब स्पीकर ने सभी दलों के सदस्यों को इस मुद्दे पर अपने विचार रखने की अनुमति दी।
भाजपा के राजनाथ सिंह, सपा के मुलायम सिह, जद (यू) के शरद यादव, जेडी(एस) के देवगौड़ा, राजद के लालू प्रसाद, कांग्रेस के जगदंबिका पाल, माकपा के वासुदेव आचार्य, अन्नाद्रमुक के थम्बीदुरई साहित अनेक सदस्यों ने अपनी-अपनी बात कही।
इन सदस्यों ने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि जब देश 14-15 अगस्त को आजादी का जश्न मना रहा था तब अलीगढ़ और मथुरा के किसानों पर लाठियां-गोलियां चल रही थीं। सभी वक्ताओं ने इस मसले पर जल्द से जल्द भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक लाने पर जोर दिया। वहीं बसपा के दारा सिंह चौहान प्रदेश की अपनी सरकार का बचाव करते दिखे।
इस दौरान रोचक तथ्य यह देखने को मिला कि विभिन्न राज्यों में विरोधी दल के सदस्य भूमि अधिग्रहण के मसले पर आपस में अधिक उलझते नजर आए। जैसे जब माकपा के वासुदेव आचार्य बोल रहे थे तो तृणमूल कांग्रेस के सदस्य उनको काउंटर कर रहे थे। अन्नाद्रमुक के थम्बीदुरई जब श्रीपेरम्बदूर में ग्रीन फील्ड हवाई अडडे के लिए किसानों से जबरदस्ती जमीन लेने की बात कह रहे थे तो द्रमुक के सदस्य बीच में टोका-टाकी करने लगे।
आंध्रप्रदेश की टीडीपी अपने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को कोस रही थी। शिवसेना के अनंत गीते अपने क्षेत्र रायगढ़ में रिलांयस कंपनी के सेज पर किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठा रहे थे। लालू ने कहा कि रेल मंत्री ममता बनर्जी तो भूमि अधिग्रहण से इतना भयभीत हो गई हैं कि रेल की अनेक परियोजनाओं ठप पड़ गई हैं।
इस मुद्दे पर अपनी-अपनी बात कहने में प्रश्नकाल के 55 मिनट बीत गए। प्रश्नकाल में एक सवाल और एक जवाब ही हो पाया।
जब सबने अपनी बात कह ली तो भाजपा के यशवंत सिन्हा ने सदन के नेता प्रणब मुखर्जी से इस मसले पर सरकार का पक्ष रखने को कहा। तब मुखर्जी ने कहा कि इस मसले पर राज्य सरकार से पूरी सूचना प्राप्त की जा
मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा, समाजवादी पार्टी आदि के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आ कर नारेबाजी करने लगे। स्पीकर ने उनको प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया, लेकिन शोर-शराबा जारी रहा। तब स्पीकर ने सभी दलों के सदस्यों को इस मुद्दे पर अपने विचार रखने की अनुमति दी।
भाजपा के राजनाथ सिंह, सपा के मुलायम सिह, जद (यू) के शरद यादव, जेडी(एस) के देवगौड़ा, राजद के लालू प्रसाद, कांग्रेस के जगदंबिका पाल, माकपा के वासुदेव आचार्य, अन्नाद्रमुक के थम्बीदुरई साहित अनेक सदस्यों ने अपनी-अपनी बात कही।
इन सदस्यों ने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि जब देश 14-15 अगस्त को आजादी का जश्न मना रहा था तब अलीगढ़ और मथुरा के किसानों पर लाठियां-गोलियां चल रही थीं। सभी वक्ताओं ने इस मसले पर जल्द से जल्द भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक लाने पर जोर दिया। वहीं बसपा के दारा सिंह चौहान प्रदेश की अपनी सरकार का बचाव करते दिखे।
इस दौरान रोचक तथ्य यह देखने को मिला कि विभिन्न राज्यों में विरोधी दल के सदस्य भूमि अधिग्रहण के मसले पर आपस में अधिक उलझते नजर आए। जैसे जब माकपा के वासुदेव आचार्य बोल रहे थे तो तृणमूल कांग्रेस के सदस्य उनको काउंटर कर रहे थे। अन्नाद्रमुक के थम्बीदुरई जब श्रीपेरम्बदूर में ग्रीन फील्ड हवाई अडडे के लिए किसानों से जबरदस्ती जमीन लेने की बात कह रहे थे तो द्रमुक के सदस्य बीच में टोका-टाकी करने लगे।
आंध्रप्रदेश की टीडीपी अपने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को कोस रही थी। शिवसेना के अनंत गीते अपने क्षेत्र रायगढ़ में रिलांयस कंपनी के सेज पर किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठा रहे थे। लालू ने कहा कि रेल मंत्री ममता बनर्जी तो भूमि अधिग्रहण से इतना भयभीत हो गई हैं कि रेल की अनेक परियोजनाओं ठप पड़ गई हैं।
इस मुद्दे पर अपनी-अपनी बात कहने में प्रश्नकाल के 55 मिनट बीत गए। प्रश्नकाल में एक सवाल और एक जवाब ही हो पाया।
जब सबने अपनी बात कह ली तो भाजपा के यशवंत सिन्हा ने सदन के नेता प्रणब मुखर्जी से इस मसले पर सरकार का पक्ष रखने को कहा। तब मुखर्जी ने कहा कि इस मसले पर राज्य सरकार से पूरी सूचना प्राप्त की जा