पवार को सुप्रीम कोर्ट की लताड़, संसद में भी हुआ वार
http://tehalkatodayindia.blogspot.com/2010/08/blog-post_31.html
तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली. देश भर में गोदामों में सड़ रहे लाखों टन गेंहू के मामले में आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को लताड़ा।
सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को कहा था कि गेंहू को सड़ाने से बेहतर होगा कि केंद्र सरकार भूखे गरीबों को मुफ्त बांट दे। इस पर पवार ने कहा था कि यह सुप्रीम कोर्ट का सुझाव था और हर सुझाव पर अमल संभव नहीं होता।
न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और दीपक वर्मा की पीठ ने आज इस मामले पर सुनवाई के दौरान पवार की टिप्पणी के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया। पीठ ने मीडिया में आए पवार के इस बयान के आधार पर कि कोर्ट ने आदेश नहीं सुझाव दिया था, कहा कि कोर्ट ने सलाह नहीं, आदेश दिया था।
पीठ ने केंद्र सरकार के वकील से कहा, 'अदालत ने सुझाव नहीं बल्कि आदेश दिया था और आप अपने मंत्री को यह बता दीजिएगा।' अदालत ने यह भी कहा कि कृषि मंत्री सुप्रीम कोर्ट के बारे में इस तरह की गलतबयानी से बाज आएं।
अनाज सड़ने के मामले पर मंगलवार को लोकसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने इस पर घोर आपत्ति जताई कि सरकार अनाज सड़ा देती है, लेकिन गरीबों को नहीं देती है। भाजपा, अकाली दल और बीजद के सदस्यों ने कहा कि 3 लाख टन गेहूं सड़ गया और गरीब भूखे मर रहे हैं।
भाजपा सांसद नवाजेत सिंह सिद्धू भी इस मुद्दे पर गरम हो गए। उन्हें कुछ सदस्यों ने पकड़ कर शांत किया। इसके बाद लालू प्रसाद का नाम बोलने के लिए पुकारा गया, लेकिन सदस्यों के शोरशराबे के चलते वह कुछ बोल नहीं सके। आसन पर बैठे उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोपहर बाद तीन बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई।
नई दिल्ली. देश भर में गोदामों में सड़ रहे लाखों टन गेंहू के मामले में आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को लताड़ा।
सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को कहा था कि गेंहू को सड़ाने से बेहतर होगा कि केंद्र सरकार भूखे गरीबों को मुफ्त बांट दे। इस पर पवार ने कहा था कि यह सुप्रीम कोर्ट का सुझाव था और हर सुझाव पर अमल संभव नहीं होता।
न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और दीपक वर्मा की पीठ ने आज इस मामले पर सुनवाई के दौरान पवार की टिप्पणी के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया। पीठ ने मीडिया में आए पवार के इस बयान के आधार पर कि कोर्ट ने आदेश नहीं सुझाव दिया था, कहा कि कोर्ट ने सलाह नहीं, आदेश दिया था।
पीठ ने केंद्र सरकार के वकील से कहा, 'अदालत ने सुझाव नहीं बल्कि आदेश दिया था और आप अपने मंत्री को यह बता दीजिएगा।' अदालत ने यह भी कहा कि कृषि मंत्री सुप्रीम कोर्ट के बारे में इस तरह की गलतबयानी से बाज आएं।
अनाज सड़ने के मामले पर मंगलवार को लोकसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने इस पर घोर आपत्ति जताई कि सरकार अनाज सड़ा देती है, लेकिन गरीबों को नहीं देती है। भाजपा, अकाली दल और बीजद के सदस्यों ने कहा कि 3 लाख टन गेहूं सड़ गया और गरीब भूखे मर रहे हैं।
भाजपा सांसद नवाजेत सिंह सिद्धू भी इस मुद्दे पर गरम हो गए। उन्हें कुछ सदस्यों ने पकड़ कर शांत किया। इसके बाद लालू प्रसाद का नाम बोलने के लिए पुकारा गया, लेकिन सदस्यों के शोरशराबे के चलते वह कुछ बोल नहीं सके। आसन पर बैठे उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोपहर बाद तीन बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई।
