भू-अधिग्रहण विधेयक जल्दी आएगा: प्रणब
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तहलका टुडे टीम
दिल्ली :किसानों की हितरक्षा को सर्वोपरि रखने का आश्वासन देते हुए केंद्र सरकार ने भू-अधिग्रहण पर जल्दी ही एक विस्तृत विधेयक प्रस्तुत करने की घोषणा की है.
लोकसभा में सदन के नेता और वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि शरद पवार के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की एक समिति ने एक विधेयक तैयार कर रखा है और इसे जितनी जल्दी हो सके सदन में पेश किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश में किसानों के आंदोलन पर लोकसभा में हुई चर्चा में विभिन्न दलों के नेताओं ने यह मांग रखी थी कि देश भर में भू-अधिग्रहण को लेकर एक क़ानून बनाने की ज़रुरत है.
इसके बाद सरकार ने यह आश्वासन दिया है.
इससे पहले 'ताज एक्सप्रेस वे' के लिए ली जा रही ज़मीन के बदले ज़्यादा मुआवज़ा माँग कर रहे किसानों को मायावती सरकार ने मुआवज़े की दर बढ़ाकर 570 रुपए प्रतिवर्ग मीटर करने की घोषणा की है.
उल्लेखनीय है कि मथुरा और अलीगढ़ ज़िलों के किसान ताज एक्सप्रेस वे के लिए ज़मीन का उचित मुआवज़ा दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.
गत 14 अगस्त को आंदोलनकारियों पर पुलिस ने गोली चलाई थी जिसमें कम से कम दो किसान मारे गए थे.
आश्वासन : प्रणब मुखर्जी, सदन के नेता,ने लोकसभा में कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों के आंदोलन को लेकर हुई चर्चा में कई नेताओं ने भू-अधिग्रहण को लेकर सरकार की नीति का अहम सवाल उठाया है.
उन्होंने कहा, "चूंकि खाद्य सुरक्षा में किसानों की अहम भूमिका है इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें कोई बाधा न पहुँचे और उनके हितों पर कोई आँच न आए.
प्रणब मुखर्जी कहा कि इसके विषय में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक समिति ने एक विस्तृत विधेयक तैयार कर रखा है और इसे जितनी जल्दी हो सके सदन में पेश किया जाएगा.
उनका कहना था कि इस विधेयक में विभिन्न प्रावधान को समायोजित किया गया है लेकिन उन्हें विश्वास है कि जब विधेयक चर्चा के लिए सदन में लाया जाएगा तो सदस्यों के सुझाव को उसमें शामिल किया जा सकेगा.
विधेयक की मांग :
इससे पहले लोकसभा में सत्ताधारी और विपक्ष दोनों ही दलों के नेताओं ने किसानों के आंदोलन पर चर्चा करते हुए विस्तृत भू-अधिग्रहण क़ानून बनाने की मांग की.
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश में किसानों को उचित मुआवज़ा दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि ऐसा विधेयक लाया जाना चाहिए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बिना किसी की सहमति के कोई भू-अधिग्रहण नहीं होगा.
जनता दल यूनाइटेड के शरद यादव ने कहा, "ये अकेल उत्तर प्रदेश की समस्या नहीं है यह दिल्ली से चंडीगढ़, दिल्ली से जयपुर और दिल्ली से आगरा की सभी सड़कों के किनारे का मामला है और देश की सबसे उपजाऊ ज़मीन लगातार घटती जा रही है.उन्होंने कहा, "दिल्ली क्या बस गई पूरे दोआब की उपजाऊ ज़मीन को नष्ट कर दिया गया.किसानों को उचित मुआवज़ा दिए जाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में किसानों को कुछ ठीक मुआवज़ा मिल रहा है.
कांग्रेस के जगदंबिका पाल ने कहा कि सरकारें ज़मीन का अधिग्रहण करके उसे बिल्डर को दे दें, यह नहीं होना चाहिए.
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों की ज़मीन लिए जाने के ख़िलाफ़ है.
राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव ने भी विधेयक लाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि भू-अधिग्रहण में सरकारों की भूमिका ख़त्म होनी चाहिए
उन्होंने कहा, "सरकारों को उद्योगपतियों और किसानों के बीच नहीं पड़ना चाहिए लेकिन सरकारें लालच से नहीं बच पा रही हैं और यह मान नहीं पा रही हैं कि वे बीच से कैसे हट जाएँ.
शिवसेना, तेलुगूदेशम पार्टी और बीजू जनता दल के नेताओं ने भी विधेयक लाए जाने की बात कही.
